उत्तर प्रदेश में युवाओं के मन में यह बैठ गया है कि हर नौकरी जुगाड़ से ही लगती है. इसका परिणाम यह हुआ है कि बच्चे पढ़ने के लिए तैयार ही नहीं हैं. उनकी जुबां पर यही रहता है कि खर्चा पानी हम कर देंगे आप तो जुगाड़ लगवा दो। इस मनः स्थिति से लड़ने के लिए पिछले कुछ महीनों अनुभूति टीम ने लगातार परिश्रम किया है।
जब उत्तर प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल भर्ती की घोषणा हुयी तो अनुभूति ने क्षेत्र के छात्र छात्राओं के लिए निःशुल्क कोचिंग चलाने का निर्णय लिया। करीब 150 छात्र छात्रायें स्क्रीनिंग परीक्षा में बैठे। कुछ बच्चे बहुत कमज़ोर थे लेकिन यह सोच कर कि अच्छे बच्चों को प्रशिक्षण से ज़यादा इन बच्चों को ज़रूरत है हमने सभी को इस कोचिंग में शामिल किया।
ब्रजेश ढिल्लन और उनके साथियों ने इस पूरी प्रक्रिया में जी तोड़ मेंहनत की है. साजिद भाई ने हमेशा की तरह इसे एंकर किया है। कुछ समय तो क्लासेज खुले मैदान में भी चलानी पड़ीं। एक बार टलने के बाद 15 दिसंबर को प्रारम्भिक परीक्षा आयोजित हो गयी है. अब परिणाम की प्रतीक्षा है। यह परीक्षा केवल उन छात्र छात्राओं की नहीं हम सबकी है, देखना है कितनी सफलता मिलती है?
परिणाम जो भी हो हम कृत संकल्पित हैं फिर से लड़ने को और मेन्स की तैयारी कराने को जो भी छात्र छात्राएं उत्तीर्ण होंगे उन्हें। अगर कुछ लोग भी सफल होते हैं तो प्रयास सार्थक होगा और बदलाव की शुरुआत होगी।
शुभकामनायें हम सबको।
टीम अनुभूति