Monday, October 24, 2011

Diwali Wishes

पिघलने दो बर्फ़ होते सपनों को
कि बनते रहें
आँखों में उजालों के नए प्रतिबिम्ब

छूने दो अल्हड़ पतंगों को
आकाश की हदें
कि गढ़े जाएँ ऊँचाई के नित नए प्रतिमान

बढ़ने दो शोर हौंसलों का
कि घुलते रहें
रोशनी के नए रंग
ज़िन्दगी में हर अँधेरे के विरुद्ध। 

May we have a safe and Happy Diwali

Team Anubhuti

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