Wednesday, April 02, 2014

ब्रह्मपुर बिस्तोली

संजय भाई का गाँव है ये।  लेकिन यहाँ के लोग अब उन्हें गंजडुंडवारा का मानते हैं। देर शाम जब अँधेरा हो चला था हम ( संजय भाई, मनीष भाई, अनिल भाई और सिद्धार्थ मेनन ) ब्रह्मपुर बिस्तोली पहुँचे। गंज ब्लॉक की गजौरा ग्राम पंचायत का हिस्सा है ये।

रास्ता बन रहा है , इसे संयोग ही मानें कि हर तरफ हर साल रास्ते बनते  हैं लेकिन फिर भी कोई रास्ता चलने लायक नहीं मिलता। धूल के बादलों को चीरते हुए और खुद कुछ धुल उड़ाते हुए जब हम गाँव पहुंचे तो चारों ओर अँधेरा था।  बताया गया बिजली नौ बजे आएगी।  

गाँव के अंदर की सड़क का काफी हिस्सा कीचड से भरा था।  पता चला कि पंचायत से एक सफाई कर्मी की नियुक्ति हुयी थी लेकिन वो सज्जन कानपुर के रहने वाले हैं सो केवल एक बार join करने आये थे उसके बाद लौटे नहीं।  जागरूक लोगों ने कहा कि बिना प्रधानजी की सहमति के उसकी salary निकल नहीं सकती।  प्रधान जी ने फ़रमाया कि कानपुर के पंडितजी थे यहाँ कहाँ नाली साफ़ करने आयेंगे। अब इस पर क्या टिप्पणी हो सकती है।  सरकार और समाज के बीच, गाँव कीचड़ और बदबू से दो चार, इसे अपनी नियति मान चुप चाप बैठा है। 

जब काफी लोग जमा हो गए तो शिक्षा के गिरते स्तर पर सबने अफ़सोस जताया। कहा कॉलेज नहीं नक़ल की दुकानें चल रही हैं।  गंज के पी. जी. कालेज में strength 500 रह गयी है जो कि पहले 3000 के करीब होती थी क्योंकि वहाँ नक़ल नहीं होती। किस तरह Mid Day Meal Scheme अध्यापकों का फोकस बन कर रह गयी है यह तथ्य भी सामने आया।  शिक्षक साथियों ने बताया कि हर review का फोकस MDM है न कि शिक्षा।  बच्चे भी खाना खाने आते हैं पढ़ने नहीं।  It was also revealed that only rice and daal is usually served and the nutritional quality of the food served is extremely poor.

एक विशिष्ट समस्या जो सामने आयी वो थी गाँव वालों का अपनी गायों को Non Lactation period में आवारा छोड़ देना  जिस से कि फसलों को बहुत नुक्सान हो रहा है।  This is bizarre. They have created the problem, they know the solution and yet they want someone to intervene and solve it for them.

The stay was made more than comfortable by Sanjay Bhai. The breeze was good and the Odomos helped us overcome the mosquitoes.We had a sound(ful) sleep with the loud snoring of Manish and Sanjay Bhai.
Bye till we wake up again and halt at the next village.

Team Anubhuti

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