Monday, June 09, 2014

तिलक नगला

29th May 2014

सिद्धार्थ ने वादा किया था कि वो 30 मई को आएंगे और सिढ़पुरा में अनुभूति जो एक जगह बना रही है उसे अंतिम रूप देंगे।  हम लोग इस प्रत्याशा में 29 को ही पटियाली पहुँच गए।  प्रभात भाई न आ सके क्योंकि शिमला से लेट लौटे।  सुधीर भाई लखनऊ में अपनी व्यस्तताओं के चलते आने के स्थिति में नहीं थे।

मोहित का साथ मिला।  फ़िरोज़ाबाद में आदरणीय बालकृष्ण गुप्ताजी के दर्शन का लाभ मिला।  शायद तीन साल बाद दोबारा उनसे भेंट हुयी।  गोमती एक्सप्रेस से धर्मेन्द्र सचान  फ़िरोज़ाबाद उतरे सो उन्हें लेकर आगे की यात्रा हुयी।  गोमती अब दो- दो घंटे लेट चलती है, एक ज़माना था गोमती कभी लेट नहीं होती थी।

पटियाली में  साजिद भाई से मुलाक़ात के बाद हम गंजडुंडवारा पहुंचे जहाँ मनीष भाई संजय भाई और अनिल भाई से भेंट हुई।  मनीष भाई कितने प्यार से अपनी गाय की सेवा करते हैं वह देखते ही बनता है।  हर विषय पर उनकी सोच आपको प्रभावित करती है।

रात्रि विश्राम गंगा पार कटरी में नगला तिलक में करने का निर्णय हुआ।  श्याम सिंह मास्साब के यहाँ हम लोगों ने डेरा डाला।  गाँव के लोगों से देर रात तक खूब बातें हुईं।  बिजली की समस्या की बात उठी. शिक्षा पर भी चर्चा हुयी।  बहुत से लोग जो एक दूसरे  के द्धार नहीं जाते साथ बैठे और सामूहिक समस्याओं पर खुल कर बोले।  किसी दिन नए रास्ते बनेंगे और रोशनी यहाँ सही मायनों में आएगी।

सुबह वापस गंजडुंडवारा एक और यात्रा के लिए।


टीम अनुभूति 

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