Monday, April 26, 2010

The Camp at Bhargain

भरगैन कासगंज जिले का सबसे बड़ा क़स्बा है ,ज़ाहिर है जब यहाँ Health Camp होगा तो उसका साइज़ बहुत बड़ा होगा। क्या हम ज़रूरी इंतजाम ठीक से कर पायेंगे? कहीं दवाएं कम तो नहीं पड़ जायेंगी ? कहीं कुछ गलती तो नहीं हो जाएगी? ऐसे सवाल हम सभी के मन में शुरू से थे? और इसीलिये हम सभी, हर चीज़ के लिए पहले से व्यवस्था कर लेना चाहते थे।

यही सोच कर 23 April की शाम को ही एटा पहुँचने का प्रोग्राम बनाया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद हम रात 9 बजे दिल्ली से निकल सके. उत्तर प्रदेश की सडकों का जो हाल है उसके चलते रात करीब ढाई बजे हम एटा पहुंचे। शाहिद भाई को घर पर और आरिफ साहब को सड़क पर काफी इंतज़ार करना पड़ा।

सुबह सुबह हम भरगैन के लिए निकले। दरियावगंज में प्रवीण से मुलाकात हुई और इत्तेफाक कुछ ऐसा रहा कि वहीं बरेली से असलम भाई और पटियाली से साजिद मालिक आ मिले। सब लोग इकट्ठे भरगैन पहुंचे जहाँ पहले से हमारा इंतज़ार हो रहा था। थोड़ी देर में ही लखनऊ से धर्मेन्द्र सचान और सुधीर त्यागी आ गए।सभी लोगों ने एक बार फिर Dr. I.M. Inter college का दौरा कर चीज़ों को अंतिम रूप देने की तैयारी की। उसके बाद हम लोग अगले कैंप की site देखने निकल पड़े। इस बहाने कस्बे का भ्रमण भी हो गया। We will take a final call for the venue after little more deliberations because many logistic and emotional issues are involved.

जब तक हम लौटे असलम भाई के घर खाना तैयार था।छिद्दन खान, हमारे वो दोस्त जिनसे वर्ष 1987 में हमने पहली बार भरगेंन का नाम सुना था और जो हमारे विशेष अनुरोध पर वापी से इस कैंप के लिए चले थे, के पहुँचते ही असलम भाई के घर हमने बहुत ही लज़ीज़ खाना खाया। असलम भाई आपका और दीदी का बहुत बहुत शुक्रिया।

In between we also had to travel to Nagla Alokhar of village Nardauli where 14 houses were gutted in fire. Anubhuti has provided relief to all these families so as to meet immediate requirements for atleast a week. Very little yet a big token of our affection and support.

Doctors team from Aligarh reached in the evening and made a night halt at Sidhpura. Thanks Shyam bhai for all the arrangements. One team from Jeevan hospital Delhi reached Agra and was joined by another Team from Gwalior. Thanks VKPS and Sajid Bhai for the same. Thank you Gangwar sir for providing them boarding and lodging. Sajid Bhai our chief guest for the next day also reached Agra in the evening itself. Thanx Shailendra for taking good care of him.

In the evening we returned to Etah via Bhargain and we were again lucky to have a sumptuous dinner at Aslam Bhai's place. Having done all these preparations everything in the morning should have been very smooth. But that was not to be. The last minute jitters were too many and at a point of time it seemed we are all at sea. So much so that Mohit seeing the turn out at the venue felt that we might even fall short of medicines. The doctors team from Sidhpura reached the site not before ten. The medicinal tempo took a lot of time in being located. Sajan Dev himself was delayed at Etah and hence medicines could not be laid as desired.

The second team of doctors was stranded at Aligarh till about 8 am for want of vehicle despite being ready at 6am. Chaudhry sahab, Manoj Bhai and Sanjay got delayed in starting from Delhi so also the team of doctors accompanying them from hospitals like AIIMS, Rockland and Bajaj Eye Hospital among others. All teams from Agra except Dr Sharad Gupta and Dr Alok Mittal started late than planned. One can imagine how it would have impacted the mind and psyche of the team battling it out in the field. But then one by one things began to fall in line and camp picked up in right earnest. Except for these delays in the morning things went off fine.

We have learnt that 3100 patients were registered. All of them were provided the medicines and since we had a lot of stock we still have reserves left. As always, distribution point remained an area of worry. Two counters were too short for distribution to such large numbers. Many suggestions have come up to improve it in future and we will work on them seriously. There was feedback from doctors as well. Dr Sharad Gupta was happy with medicines but has suggested adding Metrogyl suspension to paediatric kit. Dr S K kulshrestha said most of the females are anaemic and there is a very high incidence of tuberculosis infection in the population . We will specifically address these issues in our next camp here.

मौसम कुछ ऐसा है कि आग लगने की बहुत घटनाएँ हो रही हैं। उस्मानपुर में 36 घर जल कर खाक हो गए। हम लोग जो बन पड़ा वो लेकर उस्मानपुर भी पहुंचे। वहां की हालत बयां करना भी काफी मुश्किल है। एक बुज़ुर्ग महिला काफी जल गयी हैं। लेकिन अस्पतालों की निष्ठुरता देखिये कि उन्हें सब जगह से वापस कर दिया। अपने खुले ज़ख्मों को लिए उन्हें झोंपड़ी में देख कर आँखें नम हो गयीं। बहुत थोड़ी आर्थिक मदद हमने की लेकिन ये सुनिश्चित किया हम उन्हें वहां इस हाल में नहीं छोड़ेंगे। Aligarh Medical college से tie up भी हो गया लेकिन उनके परिवार के आग्रह के सामने मजबूर पड़ने के कारण finally हमने उन्हें पटियाली में admit करा दिया है और अनुभूति के सिपाही उनकी हर चीज़ की व्यवस्था कर रहे हैं। May she get well soon.

सांझ ढले जब कैंप ख़त्म हुआ तो सबने संतोष की सांस ली। अल्लाह के करम से सब ठीक हो गया। हम सब लोग अपने काम में perfection लाने की कोशिश करते हैं फिर भी कमियां रह जाती हैं। हमें उन कमियों का अहसास है और आगे हमारी कोशिश होगी कि ये कमियां दूर हों। जाने अनजाने में हम से अगर कोई गलती हो गयी हो तो उम्मीद है भरगेंन के लोग हमें माफ़ कर देंगे।

इस कैंप के लिए हमें बहुत से लोगों का शुक्रिया अदा करना है ख़ास तौर से असलम भाई का, आफताब भाई , कैप्टेन अब्दुल लतीफ़ साहब , डाक्टर इस्लाम नबी साहब, डाक्टर राशिद , छिद्दन खान , प्रिंसिपल साहब का और सच्चाई तो ये है कि हम भरगेंन के हर आदमी के शुक्र गुज़ार हैं कि उन्होंने हमें इतनी मुहब्बत और इज्ज़त दी।

Thanx are due to all the doctors who spared their valuable time and travelled from far off distances in the scorching heat. It will also be in order if we place on record our gratitude to special guests like Sajid Farid Shapoo IPS, Ajay Chaudhry IPS, Prof Manoj Jha, Sanjay Sahrawat, Haris ul Islam, Bhai Rajkumar, Rahul and his team from Peace Maker magazine for all things they have done for us.

Doctors who made it possible : Sharad Gupta, Alok Mittal, S K kulshrestha, Naveen, Rajesh Gautam, Pritesh, Paritosh, Ashutosh Mehta, Ganpat, R K Gupta, Anjula Shukla, Abhishek, Jaya, Sanjay Bajaj, Praveen, Amit Mishra, Shazeb, Poornesh Chandra, Ravindra, Surajmal, Vaibhav, Yogesh Sharma, Sudheer, Tejender, Abdul Shah, Shailendra Singh, Rohit, Shama Parveen, and Asha.

Present : Dharmendra Sachan, Sudhir Tyagi, Mohit Gupta, Mohd Shahid, Mohd Arif, Malik M. Sajid, Bhaskar Sharma, Ajay Kala, Anuj Saxena, Kamal Singh, Arun Pathak, Sajan Dev and Vimal Mishra.


Anubhuti Team

ख़ुसरो हम शर्मिंदा हैं

कई बरसों से अमीर ख़ुसरो महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ था इसलिए जब कांशीराम नगर के जिलाधीश ने इसे इस साल आयोजित करने के लिए बैठक बुलाई तो पटियाली ही क्या पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गयी। जब प्रशासन ने संसाधनों की कमी के चलते गैर सरकारी संस्थाओं से events sponsor करने के लए कहा तो सभी ने खुशी खुशी volunteer भी किया।

अनुभूति ने इस अवसर पर सूफियाना कलाम की एक शाम आयोजित करने की पेशकश की और प्रशासन ने उसे कुबूल भी कर लिया। तैयारियां शुरू हुईं। सूफियाना कलाम के मशहूर फ़नकार भारती बंधुओं से हमने गुज़ारिश की कि वो 25 April को पटियाली पधारें और पिछले बरस जो प्रस्तुति उन्होंने ताज महोत्सव में दी थी उस से भी ख़ूबसूरत compositions से पटियाली के अवाम को नवाजें।

जिस खुशी से उन्होंने हाँ की उस से तो हम सबके हर्ष की सीमा ही नहीं रही। सारे इन्तेज़ामात करा लिए गए। वो रायपुर ( छत्तीसगढ़ ) से कैसे आगरा पहुंचेंगे , कहाँ विश्राम करेंगे और फिर दिल्ली हो कर कैसे उनकी वापसी होगी सब tie-up हो गया। जो निमंत्रण आप लोगों ने देखा वह भी छप गया। आस पास रहने वाले ख़ुसरो साहब के चाहने वाले इस में शिरक़त कर सकें इस लिए पोस्टर भी छपवाए गए।

और जब प्रोग्राम को शुरू होने में सिर्फ 24 घंटे बाकी थे हमें फ़ोन करके बताया गया कि प्रशासन ने प्रोग्राम निरस्त कर दिया है। इसकी कोई वजह भी नहीं बतायी गयी। ऐसी संवेदनहीनता। ख़ुसरो साहब का ऐसा अपमान। पूरे कस्बे और पूरे क्षेत्र की ऐसी तौहीन। अब हम इन्हें क्या कहें? ख़ुसरो साहब आप से ही कह सकते हैं कि हम वाकई शर्मिंदा हैं और आपके गुनेहगार हैं , हो सके तो माफ़ कर दीजियेगा। लेकिन आपकी शान में जो गुस्ताखी हुयी है उसे इंशा अल्लाह हम बहुत जल्द दुरुस्त करेंगे और इस से भी बेहतर कार्यक्रम आयोजित कर के दिखायेंगे।

अंत में बस इतना ही


ज़ुल्म की बात ही क्या, ज़ुल्म की औकात ही क्या
ज़ुल्म बस ज़ुल्म है आग़ाज़ से अंजाम तक
खून फिर खून है सो शक्ल बदल सकता है
ऐसी शक्लें कि मिटाओ तो मिटाए न बने
ऐसे शोले कि बुझाओ तो बुझाए न बने
ऐसे नारे कि दबाओ तो दबाये न बने।

Team Anubhuti

Tuesday, April 20, 2010

Tuesday, April 13, 2010

महमूदपुर कैंप, गंज और आगरा

वो सुबह कभी तो आयेगी

इन काली सदियों के सर से जब रात का आँचल ढलकेगा
जब दुःख के बादल पिघलेंगे और सुख का सागर छलकेगा
जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नगमे गाएगी

वो सुबह कभी तो आएगी

माना कि अभी तेरे मेरे अरमानों की कीमत कुछ भी नहीं
मिटटी का भी है कुछ मोल मगर इंसानों की कीमत कुछ भी नहीं
इंसानों की कीमत जब झूठे सिक्कों में न तौली जायेगी

वो सुबह कभी तो आयेगी

नहीं नहीं आज की हमारी ये सुबह वो सुबह नहीं है जिस का इंतज़ार करते करते साहिर चले गए और न जाने कितनी पीढियां और चली जायेंगी। लेकिन ये भी सच है कि अपने limited sphere में काम करती अनुभूति की टीम को इस बात का यकीन है कि जिन लोगों के बीच हम काम कर रहे हैं उनकी हर सुबह को खुशनुमा बनाने की हमारी ईमानदार कोशिश कुछ न कुछ बदलाव तो ज़रूर लायेगी।

और इसी का परिणाम है कि टीम बहुत ही commitment और focussed तरीके से काम में जुटी है। Alarm के बजने से पहले ही सब उठना शुरू हो गए। 6 लोग और एक बाथरूम , Hostel जैसी स्थिति , हर कोई अपने Turn का इंतज़ार करता। अब हम लोग उम्र के उस पड़ाव पर हैं जहाँ सब की कुछ आदतें पडी हुयी हैं किसी को उठते ही चाय चाहिए तो किसी को coffee. Anuj had promised to bring bed tea and although nobody believed him almost everyone was waiting for him. He surprised everyone when he turned up with a thermous full of tea.

We reached the camp site simultaneously with the doctors and it went off well। But we need to improve upon the timings of doctors as despite our best efforts they turn up around 11. That should not be the case in Bhargain where the turn out is expected to be much larger. We hope Bhaskar will take necessary remedial measures.

There were a few appointments lined up for us at Ganjdundwara by Mohit and Sajid. The most prominent among them being with Shri Anil Gupta who had travelled all the way long from Farrukhabad to introduce us to people who matter in Ganj. Dr. Rajeev Gupta was one among them. A very popular doctor he was more than warm about our programmes. Thanx Anil Bhai for the pains taken, but we will keep troubling you in future too and try to keep the promise of visiting you at Farrukhabad.

Back in the camp about 700 people took consultations and medicines. The turnout was good as people from nearby villages had also come. There were demands from Sunngarhi side for a camp in future. We think the executive can consider it after Bhargain.

There are a few in house issues raised by Dharmendra that need to be addressed. First and foremost discipline amongst ourselves, secondly tighter control on medicine distribution for there are quite a few leakages and better financial management.

On return this time we were lucky to meet Gangwar sir and Shailendra at Agra. For us from Sainik School it was a great reunion with Sanjeev Sharma who has now become Dr Rajesh Gautam. We hope to see him again at the Bhargain Camp.

It would be good if we meet this sunday at Aligarh and make the final preparations for Bhargain. This would also give us an opportunity to meet Zeya Imam, Haris-ul-islam and Abdul Sami Khan.

Looking forward to that opportunity

Team Anubhuti

Monday, April 12, 2010

Preparing for Bhargain

ये सिर्फ यात्राओं के वृतांत नहीं हैं , निर्माण की कहानियां हैं। इसलिए हो सकता है ये उतनी रुचिकर भी न लगें ,क्योंकि निर्माण की प्रक्रिया हमेशा लम्बी और कभी कभी उबाऊ भी होती है। लेकिन संघर्ष के राही जानते हैं कि यूँ चलते जाना ही उन्हें मंजिल तक पहुंचाएगा।

संघर्ष की उसी कड़ी में हम निकले महमूदपुर Camp के लिए, साथ ही भरगैन की तैयारियों के लिए। इस बार हमारे साथ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में लेक्चरार सखावत हुसैन साहब भी थे। शाहिद और मोहित तो बदलाव के हमसफ़र हैं ही। संजय भाई और मनोज जी अनुभूति टीम के सिढपुरा office के निर्माण हेतु अपने valuable inputs देने के लिए हमारे साथ हुए। संसाधनों की कमी का परिणाम यह हुआ कि अनुज को अपनी कार खुद चलाकर ले जानी पडी। इस भीषण गर्मी में उसका AC भी काम नहीं कर रहा था। फिर भी सब लोग चलते रहे। और खैर के पास पहुँच कर दूसरी गाडी भी खराब हो गयी और AC ने काम करना बंद कर दिया। लेकिन फिर भी ढाई बजे हम पटियाली पहुँच गए। लखनऊ से धर्मेन्द्र और सुधीर भी आ पहुंचे।

पटियाली में साजिद मालिक सुबह से हमारे इंतज़ार में थे। बबलू ने नरदौली में लगी आग में कई घरों के तबाह हो जाने की खबर फोन से दी थी। और फिर साजिद भाई ने गाँव का दौरा कर यह पाया था कि पीड़ित परिवार बहुत ही ग़रीब हैं और सरकार द्वारा दी गयी 2000 रूपये प्रति परिवार की मदद नाकाफी है। सच्चाई तो ये है कि वो खाने को भी मोहताज हैं। अतः इन सभी परिवारों के लिए अनुभूति ने एक हफ्ते के लिए खाद्य सामग्री का kit तैयार किया और उन घरों तक पहुँचाया। A very small gesture to show our solidarity with them in their hour of crisis. May god provide them the strength to tide this crisis.

People at Bhargain had been waiting for us since afternoon but occupied as we were with things at Nardauli we got late and finally reached there around 730 PM। Aslam Bhai had been coordinating everything so closely that Wahid Bhai was there waiting for us. Islam Nabi sahab was there personally to show us the IM Inter College, the venue of the camp. We have understood the broad lay out and it should prove to be an ideal venue. we will however have to address issues of water, shade, medicine distribution and crowd regulation. Chhiddan bhai has promised to reach Bhargain on 24th from Gujarat and that would be a great support. We need to appologise to Dr Devendra Yadav, his close friend , who had to return to his village after having waited for us the whole day.

When we reached Etah after a long and hectic day there were quite a few of us who had no energy left even for the dinner. But then good sense prevailed and we had a good meal. As soon as we returned to the room and took to bed almost every one fell asleep immediately.

चलो सो जाएँ ,
चलो खो जाएँ ,
भूल जाएँ ज़िन्दगी की जद्दोजहद ,
आँखें बंद कर,
कुछ देर के लिए ही सही,
दूर दुश्वारियों से ,
ख्वावों की दुनिया में,
गुम हो जाएँ,
चलो सो जाएँ ,
चलो खो जाएँ॥
( with thanx from Ricky at YoIndia )

Anubhuti Team

Wednesday, April 07, 2010

Events coming up

Health Camp at Mahmoodpur
11th April 2010

Health Camp at Bhargain
25th April 2010
Let us pool in all our resources for Bhargain camp.

Anubhuti Team