ये सिर्फ यात्राओं के वृतांत नहीं हैं , निर्माण की कहानियां हैं। इसलिए हो सकता है ये उतनी रुचिकर भी न लगें ,क्योंकि निर्माण की प्रक्रिया हमेशा लम्बी और कभी कभी उबाऊ भी होती है। लेकिन संघर्ष के राही जानते हैं कि यूँ चलते जाना ही उन्हें मंजिल तक पहुंचाएगा।
संघर्ष की उसी कड़ी में हम निकले महमूदपुर Camp के लिए, साथ ही भरगैन की तैयारियों के लिए। इस बार हमारे साथ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में लेक्चरार सखावत हुसैन साहब भी थे। शाहिद और मोहित तो बदलाव के हमसफ़र हैं ही। संजय भाई और मनोज जी अनुभूति टीम के सिढपुरा office के निर्माण हेतु अपने valuable inputs देने के लिए हमारे साथ हुए। संसाधनों की कमी का परिणाम यह हुआ कि अनुज को अपनी कार खुद चलाकर ले जानी पडी। इस भीषण गर्मी में उसका AC भी काम नहीं कर रहा था। फिर भी सब लोग चलते रहे। और खैर के पास पहुँच कर दूसरी गाडी भी खराब हो गयी और AC ने काम करना बंद कर दिया। लेकिन फिर भी ढाई बजे हम पटियाली पहुँच गए। लखनऊ से धर्मेन्द्र और सुधीर भी आ पहुंचे।
पटियाली में साजिद मालिक सुबह से हमारे इंतज़ार में थे। बबलू ने नरदौली में लगी आग में कई घरों के तबाह हो जाने की खबर फोन से दी थी। और फिर साजिद भाई ने गाँव का दौरा कर यह पाया था कि पीड़ित परिवार बहुत ही ग़रीब हैं और सरकार द्वारा दी गयी 2000 रूपये प्रति परिवार की मदद नाकाफी है। सच्चाई तो ये है कि वो खाने को भी मोहताज हैं। अतः इन सभी परिवारों के लिए अनुभूति ने एक हफ्ते के लिए खाद्य सामग्री का kit तैयार किया और उन घरों तक पहुँचाया। A very small gesture to show our solidarity with them in their hour of crisis. May god provide them the strength to tide this crisis.
People at Bhargain had been waiting for us since afternoon but occupied as we were with things at Nardauli we got late and finally reached there around 730 PM। Aslam Bhai had been coordinating everything so closely that Wahid Bhai was there waiting for us. Islam Nabi sahab was there personally to show us the IM Inter College, the venue of the camp. We have understood the broad lay out and it should prove to be an ideal venue. we will however have to address issues of water, shade, medicine distribution and crowd regulation. Chhiddan bhai has promised to reach Bhargain on 24th from Gujarat and that would be a great support. We need to appologise to Dr Devendra Yadav, his close friend , who had to return to his village after having waited for us the whole day.
When we reached Etah after a long and hectic day there were quite a few of us who had no energy left even for the dinner. But then good sense prevailed and we had a good meal. As soon as we returned to the room and took to bed almost every one fell asleep immediately.
चलो सो जाएँ ,
चलो खो जाएँ ,
भूल जाएँ ज़िन्दगी की जद्दोजहद ,
आँखें बंद कर,
कुछ देर के लिए ही सही,
दूर दुश्वारियों से ,
ख्वावों की दुनिया में,
गुम हो जाएँ,
चलो सो जाएँ ,
चलो खो जाएँ॥
( with thanx from Ricky at YoIndia )
Anubhuti Team
Khush Amdeed team Anubhuti for Bhargain Health Camp;
ReplyDeleteWe appreciate your efforts,curiousity and painstaking journey for preparedness of the Health camp at Bhargain aur iski kamyabi ki liye dua karte hain.We are happy that Dr IM Inter college site has been found suitable for holding this camp by Anubhuti Team.
We look forward for the camp aur sirf itna kahenge "ki is tarah ke camp Insaniyat aur watan parasti ki behtreen misaal hain".
"Safar sooai(towards) Bhargain karte hai woh,
Irada bada nek rakhte hai woh.
Lagakar Tibbi camp Anubhuti Team
Dua ki hai Talib ae Rabb-e-Karim."
Mohd Aslam Khan
Bareilly