Tuesday, June 22, 2010

पटियाली में एक और रंगीन शाम...

हरवेन शाह दरगाह की ज़ोरदार शाम के बाद इस बार फिर एक शाम रंगीन होने जा रही है जिसमें कलाकारों के फन का रातभर बखूबी लुत्फ उठाया जाएगा।

ये शाम हज़रत बदरुदीन शाह रहमतुल्ला अलेह के नाम से मनायी जाएगी जिसमें पटियाली के लोगों की भरपूर शिरकत का अनुमान है। इस रात को हम हज़रत बदरुदीन शाह के नाम करते हुए ‌कव्वाली और शेरो-शायरी का एक एसा मंच रच रहे हैं जिसमें रात की चांदनी भी हसते-हसते हमें खुद के साथ जागने का न्यौता दे और उगता सूरज भी एक पल के लिए सोचे की सुबह की रोशनी कही इस रंगीनियत को खा ना जाए।

रात का अंधेरा हमे खुद के साथ शांत कर लेता है और उस शान्ति को हम अपनी रोज़मर्रा में उतार लेते है यही जीवन का क्रम है।

फिर एक बार रात को सोने वाली आँखें रात के अधेरे में भी रास्तों से गुज़रती हुई हज़रत बदरुदीन शाह की दरगाह पर मजमा लगाएंगी। और एक खूबसूरत माहौल बनाया जाएगा जिसमें उतरने वाला हर शख़्स खुद के मज़े की तलाश में घूमता दिखाई देगा।



क्या खूब कहा है कहने वालों ने
हम अंजान रहे यही के रहने वालों में
वो बनाते गए हर एक रात को रंगीन
और हम गिने गए रात को सोने वालों में।


Anubhuti team

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