Friday, October 01, 2010

Chal Khusro

कोई पूजा में रहे कोई अजानों में रहे
हर कोई अपने इबादत के ठिकानों में रहे.

अब फिजाओं में न दहशत हो, न चीखें न लहू,
अमन का जलता दिया सबके मकानों में रहे.

ऐ मेरे मुल्क मेरा ईमान बचाए रखना
कोई अफवाह की आवाज़ न कानों में रहे.

हम तो मिटटी के खिलोने थे गरीबों में रहे
चाभियों वाले बहुत ऊंचे घरानों में रहे

वो तो एक शेर था जंगल से खुले में आया
ये शिकारी तो हमेशा ही मचानों में रहे.

जयकृष्ण राय तुषार

इस बार ऐसी बाढ़ आयी कि सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गयीं. मदद करने वालों के हौसले भी टूट गए. प्रकृति ने एक बार फिर हम सब को बौना साबित कर दिया. The State and its machinery was also dwarfed.

प्रभावित गाँवों में हर तरफ फैलती बीमारियों की खबर ने हम सबको हिला दिया. फिर हिम्मत जुटाई है.   शाहिद भाई परों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. आप कल लाहोल स्फीति जा रहे हैं हम लोग पटियाली. Dr Poornesh Chandra and his team is joining. Sajan Dev, Babloo, Mohit, Dharmendra, Sudhir, Peeyush and Anuj are expected to be there.

May God bless them all.

Team Anubhuti

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