Friday, June 20, 2014

The Beginning

In 2012 Anubhuti did a Talent Search Examination at Lucknow and sponsored 18 students for the coaching at Iitians Pace Lucknow. This year they appeared for the JEE 2014. We are happy to announce that two of them have made it to the IITs. In the final result Aarsh Prakash Agarwal (AIR 7503) and Harshit Goyal (AIR 12470) have qualified. Congratulations to both of them

Thanks Pace Lucknow.
Let us do it this time for the Patiyali area.

Thursday, June 12, 2014

लिखें कुछ

अनुभूति सेवा समिति और स्वराज प्रकाशन की ओर से
कासगंज-एटा  ज़िले  के लेखकों के लिए दावत


तुलसीदास , अमीर खुसरो और बलबीर सिंह 'रंग' की ज़मीन रचना धर्मिता के लिए हमेशा से जानी जाती रही है. लिखने पढ़ने की उस परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिए अनुभूति सेवा समिति और स्वराज प्रकाशन ने एक साझा पहल की है।  आइये हम सब इस में साझीदार बनें ! पटियाली ,गंजडुण्डवारा  ,सिढ़पुरा ,दरयावगंज ,भरगैन ,कासगंज और एटा  की मिटटी से  जुड़े लेखक लेख, संस्मरण, कहानी, कविता -- यानी किसी भी विधा के साथ हम तक आएं! बदलाव, सिनेमा  की संस्कृति, टीवी, एसटीडी बूथ, लोकगीत, यातायात, हाट-बाज़ार, बनता-बिगड़ता  क़स्बा, कामकाज, प्रवास और पलायन जैसे सरोकारों के इर्दगिर्द रचनात्मक लेखन का  स्वागत है।

बस, आपकी लिखी चीज़ पुरानी न हो और धारदार हो तो कहना ही क्या !
आख़िरी तारीख़ :31 जुलाई 2014 

शब्द -सीमा :3000 -5000 तक
पता : 
अनुभूति सेवा समिति
मोहल्ला सर्राफा 
पटियाली 
कासगंज (उत्तर प्रदेश ). 

नगला रते

30th May 2014

मोहित को दिल्ली वापस लौटना था इसलिए राधे उन्हें हाथरस drop करने के लिए निकले।  हम लोग हमेशा की तरह संजय भाई के घर पहुँच नित्य क्रम में लग गए।  घर के नाश्ते के बाद पटियाली की ब्लॉक प्रमुख अशर्फी देवी जी से सौजन्य भेंट करने हम लोग पहुंचे तो पता लगा कि उन्होंने Knee Replacement कराया है और स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं।  काफी चर्चा हुयी उनसे।  औपचारिक तथा अनौपचारिक।

बीनपुर से राजीव बार बार आने आग्रह करते रहते हैं इसलिए वहां की तरफ चले।  मनीष भाई संजय भाई और अनिल भाई ने भी समय निकाला।  रास्ते में फारूक कुरैशी साहब और गौरव गुप्ता से भी मुलाक़ात हो गयी। तिवारीजी गंज में एक ऐसे पार्षद हैं जो परंपरागत राजनैतिक अंकगणित को fail कर हर बार जीतते हैं। जीवंत व्यक्तित्व, बेबाक अपनी राय रखने वाले, वर्षों से कांग्रेस पार्टी से जुड़े लेकिन बीच बीच में interludes में नए रास्तों से गुरेज़ नहीं।

पटियाली में साजिद भाई को सलाम किया और बीनपुर पहुंचे।  अच्छा लगा।  लोगों से चर्चा हुयी, आशीर्वाद भी मिला।  राजीव दिखे नहीं सो फोन कर पूछा तो उन्होंने बताया उनका बीनपुर  अमांपुर रोड पर है।  वहीं जाना होगा।  संजय भाई मनीष भाई अनिल भाई का साथ गंज तक और फिर हम चल पड़े बीनपुर।  राजीव और उनके परिवार से भेंट हुयी।  धन्यवाद उनके आतिथ्य का।

शाम को रात्रि विश्राम के लिए हम निकले नगला रते के लिए।  पहली बार पहुंचे वहां।  स्कूल की स्थिति पर चर्चा हुयी।  गाँव वालों का कहना था कि मास्टरों का ध्यान पढ़ाने से ज़्यादा Mid day Meal पर रहता है।  चावल खाओ और जाओ।  पढाई से कोई वास्ता नहीं बच्चे बर्बाद हो रहे हैं।  कोई देखने वाला नहीं।  संजय भाई और मनीष भाई ने कहा है वो इसे ठीक कराएँगे , देखते हैं।

सुबह गंज में ही हुयी।  धर्मेन्द्र के साथ वापस दिल्ली की यात्रा।  Lots of thoughts and ideas ! Let us see how many of them are realised.

And yes Siddharth did not come, neither did he bother to answer our frantic calls.

Team Anubhuti

Monday, June 09, 2014

तिलक नगला

29th May 2014

सिद्धार्थ ने वादा किया था कि वो 30 मई को आएंगे और सिढ़पुरा में अनुभूति जो एक जगह बना रही है उसे अंतिम रूप देंगे।  हम लोग इस प्रत्याशा में 29 को ही पटियाली पहुँच गए।  प्रभात भाई न आ सके क्योंकि शिमला से लेट लौटे।  सुधीर भाई लखनऊ में अपनी व्यस्तताओं के चलते आने के स्थिति में नहीं थे।

मोहित का साथ मिला।  फ़िरोज़ाबाद में आदरणीय बालकृष्ण गुप्ताजी के दर्शन का लाभ मिला।  शायद तीन साल बाद दोबारा उनसे भेंट हुयी।  गोमती एक्सप्रेस से धर्मेन्द्र सचान  फ़िरोज़ाबाद उतरे सो उन्हें लेकर आगे की यात्रा हुयी।  गोमती अब दो- दो घंटे लेट चलती है, एक ज़माना था गोमती कभी लेट नहीं होती थी।

पटियाली में  साजिद भाई से मुलाक़ात के बाद हम गंजडुंडवारा पहुंचे जहाँ मनीष भाई संजय भाई और अनिल भाई से भेंट हुई।  मनीष भाई कितने प्यार से अपनी गाय की सेवा करते हैं वह देखते ही बनता है।  हर विषय पर उनकी सोच आपको प्रभावित करती है।

रात्रि विश्राम गंगा पार कटरी में नगला तिलक में करने का निर्णय हुआ।  श्याम सिंह मास्साब के यहाँ हम लोगों ने डेरा डाला।  गाँव के लोगों से देर रात तक खूब बातें हुईं।  बिजली की समस्या की बात उठी. शिक्षा पर भी चर्चा हुयी।  बहुत से लोग जो एक दूसरे  के द्धार नहीं जाते साथ बैठे और सामूहिक समस्याओं पर खुल कर बोले।  किसी दिन नए रास्ते बनेंगे और रोशनी यहाँ सही मायनों में आएगी।

सुबह वापस गंजडुंडवारा एक और यात्रा के लिए।


टीम अनुभूति