अनुभूति सेवा समिति और स्वराज प्रकाशन की ओर से
कासगंज-एटा ज़िले के लेखकों के लिए दावत
तुलसीदास , अमीर खुसरो और बलबीर सिंह 'रंग' की ज़मीन रचना धर्मिता के लिए हमेशा से जानी जाती रही है. लिखने पढ़ने की उस परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिए अनुभूति सेवा समिति और स्वराज प्रकाशन ने एक साझा पहल की है। आइये हम सब इस में साझीदार बनें ! पटियाली ,गंजडुण्डवारा ,सिढ़पुरा ,दरयावगंज ,भरगैन ,कासगंज और एटा की मिटटी से जुड़े लेखक लेख, संस्मरण, कहानी, कविता -- यानी किसी भी विधा के साथ हम तक आएं! बदलाव, सिनेमा की संस्कृति, टीवी, एसटीडी बूथ, लोकगीत, यातायात, हाट-बाज़ार, बनता-बिगड़ता क़स्बा, कामकाज, प्रवास और पलायन जैसे सरोकारों के इर्दगिर्द रचनात्मक लेखन का स्वागत है।
कासगंज-एटा ज़िले के लेखकों के लिए दावत
तुलसीदास , अमीर खुसरो और बलबीर सिंह 'रंग' की ज़मीन रचना धर्मिता के लिए हमेशा से जानी जाती रही है. लिखने पढ़ने की उस परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिए अनुभूति सेवा समिति और स्वराज प्रकाशन ने एक साझा पहल की है। आइये हम सब इस में साझीदार बनें ! पटियाली ,गंजडुण्डवारा ,सिढ़पुरा ,दरयावगंज ,भरगैन ,कासगंज और एटा की मिटटी से जुड़े लेखक लेख, संस्मरण, कहानी, कविता -- यानी किसी भी विधा के साथ हम तक आएं! बदलाव, सिनेमा की संस्कृति, टीवी, एसटीडी बूथ, लोकगीत, यातायात, हाट-बाज़ार, बनता-बिगड़ता क़स्बा, कामकाज, प्रवास और पलायन जैसे सरोकारों के इर्दगिर्द रचनात्मक लेखन का स्वागत है।
बस, आपकी लिखी चीज़ पुरानी न हो और धारदार हो तो कहना ही क्या !
आख़िरी तारीख़ :31 जुलाई 2014
शब्द -सीमा :3000 -5000 तक
पता :
अनुभूति सेवा समिति
मोहल्ला सर्राफा
पटियाली
कासगंज (उत्तर प्रदेश ).
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